निकाई-गुडाई एवं खरपतवार नियंत्रण-
मूंगफली की अच्छी पैदावार लेने के लिये कम से कम दो निराई-गुडाई अवश्य करे। पहली निकाई-गुडाई बुवाई के 15-20 दिन के बाद एवं दूसरी 30-35 दिन बाद करनी चाहिए। इससे जडो का फैलाव अच्छा होता है, और भूमि मे वायु संचार भी बढता है साथ ही मिट्टी चढाने का कार्य स्वतः हो जाता है। यह कार्य कुल्फा या व्हील-हो से करना चाहिए। पेगिंग बनते समय निकाई-गुडाई नही करनी चाहिए।
रासायनिक विधि से खरपतवार नियंत्रण हेतु बुवाई के पूर्व फलूक्लोरेलिन 2.25 लीटर प्रति हैक्टयर या बुवाई के 3 दिन के भीतर (बुवाई के तुरंत बाद परंतु अंकुरण से पहले )पेन्डिमेथेलिन 3.25 लीटर प्रति हैक्टयर की दर से 500 से 600 लीटर पानी मे मिलाकर छिडकाव करना चाहिए। छिडकाव के समय भूमि मे पर्याप्त नही होनी चाहिए। खडी फसल मे निदांनाशक इमिझाथापर 750 मिली को 500 लीटर पानी मे मिलाकर 15 से 20 दिन की फसल की अवस्था पर छिडकाव करने से प्रभावी ढंग से खरपतवार नियंत्रण किया जा सकता है।
खरीफ मौसम मे उगने वाले प्रमुख खरपतवार
चैडी पत्ती वाले खरपतवार संकरी पत्ती वाले खरपतवार मोथा कुल के खरपतवार
लटजीरा (अकाईरेन्थस एस्पारा ), चैलाई ( अमेरेन्थस विरिडिस), जंगली चैलाई ( अमेरेन्थस स्पाइनोसस), पत्थरचट्टा (ट्राएइन्थिमा मोनोगाइना), कनकौआ ( कोमिलिना बेन्गालेन्सिस), सफेद मुर्ग ( चिलोसिया अर्जेन्टिया), हजार दाना ( फाइलेन्थस निरूरी), लहसुआ ( डाइजेरा आरवेन्सिस), भ्रंगराज ( इकलिप्टा एल्बा), बडी दूधी ( यूर्फोबिया हिरटा) सावां ( इकाइनोक्लोआ कोलोनम), दूब धास ( साइनोडोन डेक्टीलोन), बनरा ( सिटैरिया ग्लाउका) मोथा ( साइप्रस रोटन्डस/ साइप्रस इरिया) आदि