सिंचाईः
पहली सिंचाई 20-25 दिन (क्राउन जड निकलने पर), दूसरी सिंचाई 40-45 दिन (कल्ले फूटने की अवस्था), तीसरी सिंचाई 60-65 दिन (गाॅठे बनना), चैथी सिंचाई 90-95 दिन (फूल की अवस्था), पाॅचवी सिंचाई 1000-105दिन (दाने मे दूध बनने की अवस्था ) एंव छठी सिंचाई 120-125 दिन (दाने भरने पर) करनी चाहिए। सिंचाई की संख्या पानी की उपलब्धता पर निर्भर करती है। पहली सिंचाई देना आवष्यक है।
सीमित मात्रा में पानी उपलब्ध होने पर फसल की क्रान्तिक अवस्थाओं पर सिंचाई करनी चाहिये क्योकि इस अवस्था पर पानी की कमी होने पर उपज की तुलनात्मक रूप् से अधिक कमी हो जाती है।
· सीमित मात्रा में पानी की स्थिति में पांच सिंचाई प्रथम पांच अवस्थाओं पर
· चार सिंचाई उपलब्ध होने पर शीर्ष जड़ जमने पर, फुटान की उत्तरावस्था , बालियां आने एवं दाने की दूधिया अवस्था पर
· तीन सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध होने पर शीर्ष जड़ जमने के समय, फुटान की उत्तरावस्था एवं दाने की दूधिया अवस्था में कवेम
· किन्ही विषम परिस्थितियों में यदि दो सिंचाई ही उपलब्ध हो तो शीर्ष जड़ जमने के समय एवं दानों की दूविधा अवस्था पर सिंचाई करें।
· एक ही सिंचाई उपलब्ध होने पर शीर्ष जड़ जमते समय करे ।