उर्वरक का प्रयोग -
उर्वरक का प्रयोग मृदा परीक्षण के आधार पर करना चाहिए। अधिक उत्पादकता भार के कारण संकर किस्मे खाद एवं उर्वरक का सेवन भी अधिक करती है। इसके लिए खेत तैयार करते समय 20 से 25 मैट्रिक टन अच्छी सड़ी गोबर की खाद प्रति हेक्टेयर की दर से प्रयोग करना चाहिए। इसके अलावा 200 किलो नत्रजन, 100किलो फाॅस्फोरस व 100 किलो पोटाश प्रति हैक्टेयर देवे। इसके लिए 425किग्रा युरिया, 625 किग्रा सुपरफाॅस्फेट एवं 165किग्रा म्यूरेट आॅफ पोटाश की आवश्यकता होती है। फाॅस्फोरस व पोटाश को रोपाई पूर्व खेत की तैयारी के समय देवे तथा नत्रजन को टुकडो मे बांटकर तीन बार देवे। रोपाइे के समय आधी, चैथाई 25 दिन बाद एवं शेष चैथाई 50-60 दिन बाद सिंचाई के समय टोपड्रेसिंग विधि से देवे। फल की पैदावार बढाने के लिए यूरिया 0.5 प्रतिशत या एन.पी.के. (19:19:19) 2.5किलोग्राम प्रति हैक्टयर की दर से 15 दिन के अंतराल से दो बार छिडके। जहाॅ पर बोरेक्स की कमी हो वहाॅ बोरेक्स के धोल (0.3प्रतिशत) का छिडकाव करने से फल अधिक लगते है।